The Udaipur Central Co-oprative Bank Ltd.

बैंक का संक्षिप्त परिचय एवं प्रगति विवरण


दी उदयपुर सेन्ट्रल को-आॅपरेटिव बैंक लि., उदयपुर (राज.)

स्थापनाः-

दी उदयपुर सेन्ट्रल को-आॅपरेटिव बैंक लि., उदयपुर की स्थापना दिनांक 19 अक्टूबर, 1956 को हुई थी।

बैंक का कार्यक्षेत्र

इस बैंक का कार्यक्षेत्र उदयपुर, राजसमन्द एवं प्रतापगढ़ जिला है। उदयपुर जिले की पंचायत समिति सलुम्बर, ऋषभदेव, खैरवाडा, सराडा, लसाडिया, झाडौल, कोटडा तथा प्रतापगढ जिले की धरियावद पंचायत समिति जनजाति क्षेत्र में स्थित है। जहाॅ लेम्पस् कार्यरत है। शेष पंचायत समितियों में पैक्स कार्यरत है।

शाखाऐंः-19

जिला उदयपुर:- फतहनगर, ऋषभदेव, भीण्डर, बडगाॅव, सलूम्बर, सराडा गोगुन्दा, झाडौल, बापु बाजार, शास्त्री सर्कल, गिर्वा, लसाडिया।
जिला राजसमन्द:- भीम, आमेट, देवगढ़, नाथद्वारा, कांकरोली एवं रेलमगरा।
जिला प्रतापगढ:- धरियावद।
पैक्स/लेम्पस्:-
बैंक के कार्यक्षेत्र में कुल 283 पैक्स तथा लेम्पस् हैं:-
उदयपुर जिला  170 समितियां जिनमें 118 लेम्पस् एवं 52 पैक्स कार्यरत है।
राजसमन्द जिला   89 पैक्स
प्रतापगढ जिला  24 लेम्पस्

सदस्यताः-

समितियों के स्तर पर सदस्यता 237192 है, उसके विरूद्ध 149587 सदस्यों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये जा चुके है। जारी क्रेडिट कार्ड के विरूद्ध 122751 सदस्यों को ऋण अग्रिम किया जा चुका है।

आॅडिट वर्गीकरणः-

वर्ष 2012-2013 में यह बैंक आॅडिट में ‘‘बी’’ श्रेणी में वर्गीकृत हुआ है। वर्ष 2013-14 हेतु बैंक की संचालक मण्डल की बैठक दिनांक 15.05.14 को बैंक की आॅडिट हेतु चार्टेड एकाउन्टेन्ट को नियुक्त किया जा चुका है। निर्धारित अवधि में आॅडिट सम्पन्न करा दी जावेगी।

हिस्सा पूंजीः-


बैक की अधिकृत हिस्सा पूॅजी रू. 1000.00 लाख है उसके विरूद्ध दिनांक 31.03.2014 तक समितियों की रू. 1327.85 लाख जिसमें से राज्य सरकार की हिस्सा पूॅजी रू. 220.58 लाख है। 31.03.2014 तक कुल हिस्सा पूॅजी 1548.43 लाख है।

बैंक की वित्तीय स्थिति निम्न प्रकार है:-


( राशि लाखों में )
क्र.स. मद दिनांक 31.03.2013 दिनांक 31.03.2014
1 हिस्सा पूॅजी 1290.65 1548.43
2 रिजर्वस/प्रोविजन्स 1913.31 2021.99
3 डिपोजिट्स 40084.58 43807.73
4 बोरोइंग्स 12947.71 20642.00
5 विनियोग 28251.49 34177.00
6 ऋण बकाया 23488.52 1548.43
7 कार्यशील पूॅजी 58301.47 70166.97
8 संचयी लाभ 294.65 312.28
9 ऋण वितरण 35388.12 48322.28


मुख्य इन्डीकेटर्स :-


31.03.2013 31.03.2014
कोस्ट आॅफ डिपोजिट्स 7.38 7.28
कोस्ट आॅफ बोरोइंग्स 4.90 4.10
यिल्ड आॅन एडवान्सेज 8.40 5.47
यिल्ड आॅन विनियोग 8.49 9.37
रिटर्न आॅफ फण्ड्स 7.68 6.91
कोस्ट आॅफ फण्ड्स 6.32 5.75
वित्तीय मार्जिन 1.36 1.16
प्रबन्धकीय व्यय 1.29 1.06
नेट मार्जिन 0.14 0.13


स्वयं सहायता समूह (S.H.G)


वर्ष 2004-2005 से बैंक द्वारा स्वयं सहायता समूह का गठन व उन्हें बैंक से लिंकेज का कार्य प्रारम्भ किया गया था। बैंक को वर्ष 2004-05 एवं 2006-07 में नाबार्ड द्वारा समूह ऋण हेतु उत्कृश्टता पुरूस्कार प्राप्त हुआ एवं वर्श 2011-12 में बैंक को समूह के बचत खातें खोलने का राज्य स्तर पर प्रथम पुरूस्कार प्राप्त हुआ है। माह जनवरी 2014 तक बैंक की 16 शाखाओं में 6494 बचत खाते खोले गये हैं। जिनमें से 6276 खातें महिलाओं के है जिनमें वर्तमान में 277.10 लाख की बचत राशि जमा हैं। स्वयं सहायता समूह को बैंक ऋण से लिंकेज उक्त अवधि में 3599 समूहों को कुल 2609.22 लाख का ऋण अग्रिम किया जा चुका है जिसमें से 3508 महिलाओं के समूह है जिन्हे 2411.72 लाख का ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। अर्थात लगभग 35500 महिलाओं में निश्चित रूप से सामूहिक उत्तरदायित्व निभाने का भावना का विकास हुआ है एवं नेतृत्व की क्षमता, निर्णय लेने की क्षमता, स्वंय के विकास के लिये जागृति उत्पन्न हुई है। वर्तमान में 1448 समूहों में 813.31 लाख का ऋण बकाया है। चालु वित्तीय वर्ष में 520 समूहों को 390.00 लाख के लक्ष्य के विरूद्ध 248 समूहों को 355.72 लाख का ऋण वितरण मार्च 2014 तक किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में माह फरवरी 15 तक 111 समूहो को 134.68 लाख का ऋण वितरण किया जा चुका है।

फसली ऋण वितरण

शीर्ष सहकारी बैंक द्वारा वर्ष 2013-14 के लिये फसली ऋण वितरण हेतु रू. 400.00 करोड के fलक्ष्य निर्धारित किये गये है। खरीफ फसल पर शीर्ष बैंक द्वारा 210.00 करोड के लक्ष्य निर्धारित किये गये थे जिसके विरूद्ध 89610 सदस्यों में रू. 214.25 करोड का ऋण वितरण किया गया है। जिसमें उदयपुर जिले में 43992 सदस्यों को 9400.56 लाख, प्रतापगढ जिले में 17179 सदस्यों को 2797.27 लाख एवं राजसमन्द जिले में 28439 सदस्यों को 9226.52 लाख का ऋण वितरण किया गया। रबी फसल पर शीर्ष बैंक द्वारा रू. 190.00 करोड के लक्ष्य निर्धारित किये गये है। जिसके विरूद्ध दिनांक 31.03.2014 तक 82494 सदस्यों को 211.45 करोड का ऋण वितरण किया जा चुका है। जिसमें उदयपुर जिले में 40026 सदस्यों को 8835.72 लाख, प्रतापगढ जिले में 15140 सदस्यों को 2385.56 लाख एवं राजसमन्द जिले में 27328 सदस्यों को 9330.47 लाख का ऋण वितरण किया जा चुका है।

अल्पकालीन ऋण वितरण वर्ष 2014-15

खरीफ ऋण वितरण के अन्तर्गत 21000.00 लाख के लक्ष्य निर्धारित किये गये थे जिसके विरूद्ध 22097.23 लाख का ऋण वितरण किया गया जो लक्ष्यो का 105.22 प्रतिशत है। रबी ऋण वितरण के अन्तर्गत 19000.00 लाख के लक्ष्य निर्धारित किये गये है जिसके विरूद्ध दिनांक 20.03.2015 तक 68249 सदस्यों को 19035.09 लाख का ऋण वितरण किया जा चुका है। जो लक्ष्यों का 99.45 प्रतिशत है। लक्ष्यों की शत प्रतिशत पूर्ति करने हेतु समय-समय पर समीक्षा बैठको का आयोजन कर शाखा प्रबन्धको एवं ऋण पर्यवेक्षकों को निर्देषित कर दिया गया है।

मध्यकालीन कृषि निवेश ऋण वितरण

इस मद अन्तर्गत पात्रता के आधार पर रू. 1200.51 लाख के लक्ष्य निर्धारित किये गये जिसके विरूद्ध माह फरवरी 2015 तक रू. 690.14 लाख का ऋण वितरण किया जा चुका है जो लक्ष्यो का 57.49 प्रतिशत है। लक्ष्यों की शत प्रतिशत पूर्ति मार्च 2015 तक कर दी जायेगी।

मध्यकालीन अकृषि निवेश ऋण वितरण

इस मद अन्तर्गत पात्रता के आधार पर रू. 815.95 लाख के लक्ष्य निर्धारित किये गये जिसके विरूद्ध माह फरवरी 2015 तक रू. 409.04 लाख का ऋण वितरण किया जा चुका है जो लक्ष्यो का 50.13 प्रतिशत है। लक्ष्यों की शत प्रतिशत पूर्ति मार्च 2015 तक कर दी जायेगी।

ऋण वसूली


बैंक की मार्च 2014 तक की मांग 25506.93 लाख के विरूद्ध 20046.57 लाख की वसूली हुई है जो कि 78.59 प्रतिशत है जबकि ब्याज की मांग 1333.33 लाख के विरूद्ध 935.86 लाख की वसुली हुई है जो मांग का 70.19 प्रतिशत है।
बैंक की 30 जुन 2014 तक की कुल मांग रू. 47817.28 लाख के विरूद्ध दिनांक 30.06.14 तक 41927.38 लाख की वसूली की गई है जो मांग का 87.68: है। बैंक की ब्याज की कुल मांग 2017.82 लाख के विरूद्ध 1393.68 लाख की वसूली कर 69.06 प्रतिशत लक्ष्यों की पूर्ति की गई। बैंक की मार्च 2015 तक की मांग 27735.17 लाख के विरूद्ध दिनांक 20.03.2015 तक 18709.81 लाख की वसूली हुई है जो कि लक्ष्य का 67.46 प्रतिशत है जबकि ब्याज की मांग 1298.62 लाख के विरूद्ध 399.80 लाख की वसुली हुई है जो मांग का 30.79 प्रतिशत है। मार्च 2014 तक शत प्रतिशत वसूली कर ली जावेगी। माह जून 2014 तक मध्यकालीन कृषि ऋणों अन्तर्गत 1383.80 लाख के विरूद्ध 779.91 लाख की वसूली की गई जो लक्ष्यो का 56.36 प्रतिशत एवं अकृषि ऋणों अन्तर्गत 1184.53 लाख के विरूद्ध 930.49 लाख की वसूली की गई जो लक्ष्यों का 75.55 प्रतिशत है। इसी प्रकार मार्च 2015 तक मध्यकालीन कृषि ऋणों अन्तर्गत 813.36 लाख के विरूद्ध माह दिसम्बर 15 तक 299.86 लाख की वसूली की गई जो लक्ष्यो का 36.87 प्रतिशत एवं अकृषि ऋणों अन्तर्गत 943.53 लाख के विरूद्ध 446.87 लाख की वसूली की गई जो लक्ष्यों का 47.36 प्रतिशत है।

राजीव गाॅधी सेवा केन्द्रः-

बैंक कार्यक्षेत्र के 492 राजीव गाॅधी सेवा केन्द्रो में से 466 केन्द्रो पर कब्जा प्राप्त कर लिया गया है जिसमें उदयपुर जिले के 364 केन्द्रो में से 360 पर एवं राजसमन्द जिले के 128 केन्द्रो में से 106 केन्द्रो पर कब्जा प्राप्त कर लिया गया है। एवं उदयपुर जिले 360 केन्द्रो में से 331 केन्द्रो एवं राजसमन्द जिले के 106 में से 78 केन्द्रो पर मिनी बैंक का कार्य किया जा रहा है।

गैर निष्पादक आस्तियाँ (N.P.A)-

वर्ष 2012-13 में एन.पी.ए. का स्तर 3.93 प्रतिशत था जो कम होकर वर्ष 2013-14 में 2.77 प्रतिशत रहा है। जो मानक स्तर से कम है।

मिनी बैंकः-

वर्ष 2013-14 में 30.11.14 को 277 मिनी बैंकों में रू. 12924.30 लाख की अमानतो का स्तर रहा है।

महानरेगाः-

महानरेगा के अन्तर्गत 422369 खाते खोले जा चुके हैं। उसमें बी.पी.एल. के अन्तर्गत पुरूष 49466 एवं महिला 203955 एवं नोन बी.पी.एल. अन्तर्गत पुरूष 32978 एवं महिलाओं के 135970 खातें खोले गये है। समितियों द्वारा उक्त खातों में प्राप्त राशि का भुगतान नियमित रूप से किया जा रहा है किन्तु इस हेतु संस्थाओं को कोई राशि व्ययों हेतु प्राप्त नही होने से संस्थाओं की लाभप्रदता पर विपरित प्रभाव पड रहा है। सभी नरेगा खाताधारको को आदिनांक तक पासबुक अपडेट कर उपलब्ध करवा दी गई है।

सी.बी.एस. कम्प्यूटराईजेशनः-

(अ) बैंक कार्यक्षेत्र की 16 शाखाओं एवं प्रधान कार्यालय में सी.बी.एस. कम्प्यूटराईजेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में टीसीएस द्वारा उपलब्ध करवाये गये साॅफ्टवेयर अन्तर्गत दैनिक आधार पर वाउचर फिडिंग का कार्य एवं अन्य सभी प्रकार के बैंकिग से संबधित कार्य सम्पादित किये जा रहे है। श्रीमान रजिस्ट्रार महोदय द्वारा जारी दिशा निर्देषों के अनुरूप बैंक के बचत, चालु एवं आर.डी खातों का पूर्ण रूप से मिलान कर लिया गया है व अन्य ऋण खातों का मिलान कर त्रूटि रहित किया जा रहा है।

(ब) शीर्ष बैंक द्वारा 31 ग्राम सेवा सहकारी समितियों (उदयपुर जिले की भीण्डर पंचायत समिति की 18 समितियां एव राजसमन्द जिले की राजसमन्द पंचायत समिति की 13 समितियां) के ऋण खातों, बचत खातों व निरंतर खातों की डाटा एन्ट्री के लिये टूल दिनांक 31.03.13 को उपलब्ध करवाया गया है। जिसमें डाटा एन्ट्री का कार्य करवाया जा रहा है। शीर्ष बैंक द्वारा उक्त समितियों के लिये आई टी इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाने हेतु निक्सी क्रय आदेश जारी करने के लिये निर्देशित किया गया है। क्रयादेश जारी कर दिये गये हैं। 31 ग्राम सेवा सहकारी समितियों के ऋण खातों, बचत खातों व निरंतर खातों की डाटा एन्ट्री का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। कुल 31 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में मास्टर डाटा एन्ट्री का कार्य पूर्ण हो चुका है व करन्ट बैलेन्सेज फिडिंग का कार्य शेष है जो प्रगति पर है।
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